नई दिल्ली, 21 दिसंबर| 20 दिसंबर को नया टैली कम्युनिकेशन बिल 2023 पारित हो गया। अब इस बिल को अंतिम समीक्षा के लिए राज्यसभा भेजा गया है। इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 3 साल की जेल और 50 लाख तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक में टैली कम्युनिकेशन कंपनियों को उपभोक्ताओं को सिम कार्ड जारी करने से पहले बायोमेट्रिक पहचान अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है। यह विधेयक सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से किसी भी टैली कम्युनिकेशन सेवा या नेटवर्क को अपने नियंत्रण में लेने, प्रबंधित करने या निलंबित करने की अनुमति देगा। इसका मतलब है कि सरकार युद्ध जैसी स्थिति में जरूरत पड़ने पर टेलीग्राम नेटवर्क पर संदेशों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम होगी।
यह बिल 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेगा, जो टैली कम्युनिकेशन क्षेत्र को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, यह बिल 1933 के भारतीय वायरलेस टेलीग्राफ अधिनियम और 1950 के टेलीग्राफ वायरस अधिनियम की जगह लेगा। यह ट्राई अधिनियम 1997 में भी संशोधन करेगा।
यह बिल लाइसेंसिंग प्रणाली में भी बदलाव लाएगा। वर्तमान में सेवा प्रदाताओं को विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए अलग-अलग लाइसेंस, परमिट, अनुमोदन और पंजीकरण प्राप्त करना पड़ता है। दूरसंचार विभाग द्वारा 100 से अधिक लाइसेंस या पंजीकरण जारी किए गए हैं।