लुधियाना, 27 अगस्त | जेल में पाकिस्तान का बच्चा पिछले एक साल से बंद है। पाकिस्तान के एबटाबाद के रहने वाले मोहम्मद अली को अमृतसर में BSF ने सीमा पार करते हुए पकड़ा था। तभी से वह शिमलापुरी स्थित बाल सुधार घर में है।
अली का परिवार ह्यूमन राइट्स से मदद की गुहार लगा चुका है। यहां तक की पाकिस्तानी सरकार भी भारत सरकार के आगे इस बच्चे की पैरवी कर चुकी है। पाकिस्तान सरकार की तरफ से बच्चे की रिहाई के लिए भारत के गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया है।
मोहम्मद अली अपने परिवार का इकलौता बेटा है, लेकिन आखिर क्यों वह सरहद पार करने का प्रयास कर रहा था? इस सवाल का जवाब उसके परिवार के पास भी नहीं है।
रावलपिंडी के लिए निकला, भारत पहुंचा
पूरा मामला जानने के लिए दैनिक भास्कर ने मोहम्मद अली के पिता मोहम्मद बनारस से बात की। मोहम्मद बनारस ने बताया कि वह रावलपिंडी में एक प्रिंटिंग प्रेस का काम करते हैं। 7 अगस्त 2023 को अली एबटाबाद से रावलपिंडी उनसे ही मिलने आने वाला था, लेकिन वह रावलपिंडी नहीं पहुंचा।
कुछ समय बाद जब बेटे के लापता होने की खबर मिली तो उन्होंने पूरा इलाका छान मारा, लेकिन एबटाबाद के बस अड्डे के बाद से उसकी कोई लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी। किसी को भी पता नहीं था कि आखिर अली एबटाबाद बस अड्डे से कहां गायब हो गया।
लुधियाना जेल से आई बेटे की कॉल
अली के गुमशुदा होने पर परिवार ने संबंधित थाने में भी शिकायत दी थी, लेकिन उसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका। परिवार भी सारी उम्मीदें छोड़ चुका था, लेकिन तभी करीब 2 महीने बाद एक दिन अचानक अली की वॉट्सऐप कॉल आई। मोहम्मद बनारस अपने बेटे से बात करके खुश तो थे, लेकिन साथ ही उनकी टेंशन तब बढ़ गई जब उन्हें पता लगा की उनका बेटा अब पाकिस्तान में नहीं बल्कि भारत की एक जेल में पहुंच गया है। तब परिवार को कुछ समझ नहीं आ रहा था।
घर से सरहद बहुत दूर, भारत सरकार को भेजा लेटर
मोहम्मद बनारस ने बताया कि उनके घर एबटाबाद से सरहद बहुत दूर है। आज तक उन्होंने खुद कभी सरहद का एरिया नहीं देखा। 9वीं क्लास में पढ़ने वाले उनके बेटे को कौन सरहद पार ले गया, आज तक ये सवाल उनके दिमाग में घूमता रहता है। बेटे की रिहाई को लेकर वह भारत सरकार को भी कई पत्र भेज भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक सारे प्रयास असफल ही साबित हुए हैं।
परिवार का इकलौता बेटा, भाई की मौत हो चुकी
मोहम्मद बनारस ने कहा कि भारत सरकार से उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द उनके बेटे अली को वह रिहा कर देंगे। अली परिवार का इकलौता बेटा है। उसके भाई उसनेव की मौत हो चुकी है। उसकी 2 बहनें भी हैं, जिनका नाम नबीला और सबा है। अली के लापता होने के बाद उसके घर पर मातम जैसा माहौल रहता है। परिवार को शक है कि उनका बेटा मानव तस्करों के हाथ लग गया होगा, जिसकी वजह से ही वह भारत पहुंच गया।
गृह मंत्रालय के संज्ञान में मामला
लुधियाना बाल सुधार घर के एक अधिकारी से बात की गई, लेकिन वह इस मामले पर कुछ भी कहने से बचते नज़र आए। हालांकि उन्होंने बताया कि बच्चा जेल में है और सुरक्षित है। उसके बारे में वह ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते। बच्चे की काउंसलिंग की गई है और ये पूरा मामला अब गृह मंत्रालय के संज्ञान में है।