नैशनल, 27 अगस्त | अगर आप कनाडा में नौकरी का सपना देख रहे हैं तो आपके लिए बुरी
खबर है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने चुनाव के पहले अहम फैसला लिया है। उन्होंने
कनाडा में अस्थाई नौकरी करने वाले विदेशियों की संख्या घटाने की घोषणा कर दी है। इसका
असर कनाडा में काम करने वाले हजारों विदेशियों पर पड़ेगी जिनमें भारती य भी शामिल हैं। हर
साल काफी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा जाते हैं। ऐसे में पढ़ाई के साथ अस्थाई नौकरी का
सपना देखने वाले भारतीयों को इस फैसले से बड़ा झटका लगा है।
कनाडा ने क्या लिया फैसला
ट्रूडो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि श्रम बाजार बदल गया है। कनाडा कम वेतन वाले अस्थाई विदेशी कर्मियों की संख्या में कमी करने जा रहा है। उन्होंने ने लिखा कि अब समय आ गया है कि कनाडा के व्यवसायों स्थानीय श्रमिक और युवा इन्वेस्ट करें। देश के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने हाल ही में इस ओर इशारा करते हुए कहा है कि प्रवासन नियम कनाडाई लोगों के लिहाज से होने चाहिए क्यों किक्यों नौकरियां लगातार कम हो रही हैं। उन्होंनेन्हों नेकहा था कि इसके लिए हम जरूरी कदम उठाएंगे।
किन जगहों पर लागू होगा फैसला?
नए नियमों के मुताबिक कम वेतन वाली नौकरियों के लिए परमिट दो साल से घटाकर केवल एक
साल के लिए जारी किए जाएंगे। इसके अलावा कृषि, स्वास्थ्य देखभाल और निर्माण क्षेत्रों को छूट
रहेगी। जिस जगह पर बेरोजगारी दर छह फीसदी या फिर उससे अधिक है, वहां पर कम वेतन
वाले विदेशी कर्मचारियों को काम नहीं दिया जाएगा। किसी एक नियोक्ता द्वा रा काम पर रखे जा
सकने वाले अस्थायी विदेशी श्रमिकों की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत के पर आ
जाएगी।