जालंधर, 4 सितंबर | ब्यास दरिया में कान्हा जी की प्रतिमा को स्नान करवाने के लिए चार चचेरे भाइ भाइयों के पानी में बहने के तीन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। इधर, उनके वियोग में 17 साल की चचेरी बहन नंदिनी ने रेलवे फाटक, गढ़ा के पास फंदा लगाकर जान दे दी। बताया जा रहा है कि नंदिनी का उन चारों के साथ काफी लगाव था और इनके लापता होने के बाद से ही उदास थी। पंजाब एवेन्यू निवासी नंदिनी के भाई शिव सूदन और भाभी शारदा ने बताया कि पानी में बहे चारों य़ुवक उनकी रिश्तेदारी में आते हैं। सभी मिलजुलकर एक ही परिवार की तरह रहते हैैं। जिस दिन वे प्रतिमा को स्नान कराने के लिए लेकर निकले थे। उस दिन नंदिनी ने ही उन्हें विदा किया था। उनके बहने की खबर सुनने के बाद से नंदिनी उदास थी और जिस कोठी में काम करती थी, वहां पर भी नहीं गई। मंगलवार को उसे सभी ने समझाया, तो काम पर गई। शाम को जब वापस नहीं आई तो उसे् ढूंढने का प्रयास किया। शाम 5 बजे रेलवे फाटक के पास उसका शव पेड़ से लटकता मिला। थाना सात के एएसआई जगतार सिंह ने बयान दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
दरिया में बहे चारों भाइयों का नहीं लगा कोई सुराग
दरिया में बहे चारों भाइयोंम का तीन दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से करीब 30 किलोमीटर तक का इलाका छान मारा है। लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। देर शाम तक उनकी तलाश में टीमें लगी हुई थी। चारों भाई एक-दूसरे को बचाते हुए बहे थे। वे सभी करीब 10 साल से जालंधर के पंजाब एवेन्यू में बने क्वार्टर में रह रहे थे।
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