नई दिल्ली, 3 जनवरी | यूनाइटेड किंगडम (यूके) में पढ़ने वाले छात्र अब अपने जीवनसाथी या किसी अन्य को अपने साथ नहीं ला सकेंगे। ब्रिटिश सरकार ने 1 जनवरी से स्पाउस वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन में पढ़ने वाला कोई भी विदेशी छात्र अपने जीवनसाथी को अपने साथ नहीं ले जा सकेगा। गौरतलब है कि कनाडा और यू.के जाने के लिए पंजाब में कॉन्ट्रैक्ट शादियां कराई जा रही थीं।
पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा से कई लोग यूके या कनाडा में पढ़ने वाली लड़कियों से कॉन्ट्रैक्ट मैरिज करके विदेश में जाकर बस गए हैं। लेकिन अब 1 जनवरी 2024 से यूके जीवनसाथी को वीजा नहीं देगा। इससे अनुबंध विवाह में कमी आने की उम्मीद है।
दरअसल, जनवरी 2021 में ब्रिटिश सरकार ने वहां काम करने वाले लोगों के लिए न्यूनतम वार्षिक आय 25 हजार 600 पाउंड निर्धारित की थी, लेकिन भारतीय, खासकर पंजाब के लोग, कृषि के अलावा कम वेतन पर आतिथ्य कार्य करने के लिए ब्रिटेन आने लगे। इससे ब्रिटेन में काम करने का अधिकार प्रभावित होने लगा। ब्रिटेन के मूल निवासियों को कम वेतन पर काम करने के लिए मजबूर किया गया। इससे सरकार काफी दबाव महसूस कर रही थी।
पिछले साल तीन लाख वीजा थे
2020 में 48,639 भारतीय छात्र ब्रिटेन पहुंचे। 2021 में यह संख्या 55903 और 2022 में 200978 हो गई और 2023 तक यह आंकड़ा तीन लाख को पार कर गया। इसमें 85 फीसदी छात्र शादीशुदा थे, जिनका मकसद किसी तरह ब्रिटेन पहुंचना था। वहां जाकर छात्रों के जीवन साथी कम वेतन पर काम करने लगे। इनमें से 60 फीसदी लोग पंजाब से हैं, अगर हरियाणा, चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों को शामिल कर लिया जाए तो इनकी संख्या 80 फीसदी से ज्यादा हो जाती है।
हमने अपनी ही प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया
यूके स्टडी वीजा की विशेषज्ञ ग्रे मैटर की एमडी सोनिया धवन का कहना है कि पंजाबी मूल के लोगों ने वहां जाकर न केवल नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि कम वेतन पर काम करके यूके के मूल निवासियों को भी मुसीबत में डाल दिया। ब्रिटेन गए छात्रों के पति/पत्नी भी कुशल या तकनीकी विशेषज्ञ नहीं थे। स्टडी वीजा एक्सपर्ट सुकांत त्रिवेदी का कहना है कि अगले सेमेस्टर के लिए दाखिले की संख्या घटकर 25 फीसदी रह गई है। छात्र अब ब्रिटेन की ओर नहीं देख रहे हैं।