चंडीगढ़ | पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने विधानसभा के मानसून सेशन में पास किए गए पंजाब पंचायती राज बिल 2024 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पंचायत चुनावों में आरक्षण की पुरानी प्रथा बहाल हो गई है। अब पार्टी निशान पर पंच सरपंच चुनाव नहीं होंगे। वहीं, राज्य सरकार अक्टूबर के मध्य में पंचायत चुनाव कराने पर विचार कर रही है। इस मंजूरी के बाद अब चुनाव की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।
पंजाब पंचायती राज संशोधन बिल सदन में पेश करते हुए पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा था कि इस प्रस्ताव को पास करवाने के पीछे सोच यही है कि गांवों का सरपंच पार्टी का नहीं गांवों का हो। गांवों में लड़ाई झगड़े बंद हो जाए। हालांकि उन्होंने सदन में बताया था कि 2018 में भी किसी भी व्यक्ति ने पार्टी निशान पर पंचायती चुनाव नहीं लड़ा था।
सीएम ने कहा था कि जो गांव सर्वसम्मति से पंचायत चुनेंगे, उसे 5 लाख का इनाम दिया जाएगा। इसके अलावा स्टेडियम समेत अन्य सुविधाएं दी जएगी। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव सर्वसम्मति से होते हैं तो लोगों के पैसे बचेंगे। आजकल तो 40-40 लाख खर्च सरपंच के चुनाव पर आ जाता है।
पंजाब में साल 2018 में पंचायत चुनाव हुए थे। इस दौरान 13276 सरपंच व 83831 पंचों काे चुना गया था। दिसंबर में लगभग सभी पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद सभी पंचायतों की कमान सीनियर अफसर प्रशासनिक अधिकारी लगाए गए हैं। हालांकि चुनाव में हो रही देरी का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा था। इस दौरान सरकार ने अदालत में कहा था कि हम जल्दी ही चुनाव करवाने की तैयारी में है