शिमला, 19 अगस्त | हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरत वादियों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। प्रदेश के बड़े-बड़े पहाड़ सेब के बागान सैलानियों को अपनी ओर आकृषित करते हैं। आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे- जोकि एशिया का सबसे अमीर गांव है। शिमला जिले के चौपाल ब्लाक का यह गांव मड़ावग प्रति व्यक्ति आय में एशिया का सबसे अमीर गांव बन गया है। 470 परिवार वाले गांव के हर घर के पास सेब के बगीचे हैं। यहां के सेब की कमाई से गांव का हर परिवार करोड़पति है। प्रधान प्रेम डोगरा बताते हैं कि बैंकों की स्थानीय शाखाओं में ही हर परिवार के औसतन 75 लाख रुपए से ज्यादा जमा है। ओलो से बचाव के लिए पौधों पर लाखों की नेट लगाते हैं। बीडीसी सदस्य हेमंत बताते हैं 5-7 साल में मड़ावग के लोगों ने बंजर जमीन को भी सेब के बगीचों में बदल दिया है। पुरानी किस्म के ही नहीं विदेशी किस्म के सेब भी उगा रहे हैं।
आलीशान घर, खड़ी हैं महंगी गाड़ियां
दरअसल, मड़ावग गांव में उच्च क्वालिटी के सेब का उत्पादन होता है। सेब की खेती ने इस गांव की किस्मत ही पलट दी है। यह गांव हर साल करीब 175 करोड़ के सेब बेचता है। इस गांव को देखने के लिए सैंकड़ों सैलानी आते हैं।
यहां के खूबसूरत सेब के बागानों की खुशबू लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। इस गांव में बेहद शानदार और आलीशान घर बने हुए हैं। हर घर के बाहर महंगी गाड़िया खड़ी हैं, जिसे देखकर यहां घूमने आने वाले सैलानी दंग रह जाते हैं।
आसानी से हासिल नहीं हुई शानो-शौकत
मड़ावग गांव के लोगों ने यह सब शानो-शौकत सेब की खेती करके हासिल की है। यहां के किसान सेब की पैदावार करने के लिए बर्फबारी और बारिश के दिनों में भी जीतोड़ मेहनत करते हैं।
पूरा गांव करता है खेती का काम
बताया जाता है कि मड़ावग के किसान पहले आलू की खेती किया करते थे।1953-54 के बीच यहां पहला सेब का बाग लगाया गया था। यहां सेब की बेहतरीन पैदावार होने लगी। इसके बाद धीरे-धीरे पूरा गांव सेब की खेती करने लगी। साल 2000 के बाद मड़ावग के सेब को सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में खास पहचान मिली। 230 परिवारों वाला यह गांव दुनिया में सेब की हाईटेक खेती के लिए जाना जाता है।
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